आज के जीवन में हमारी जो दिनचर्या है, उसकी वजह से बहुत सारी परेशानियाँ हो रही हैं, जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएँ, पीसीओडी (PCOD) होना आदि। तो, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) क्या है? यह समस्या ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों में होती है।
PCOD क्या है?
PCOD का मतलब पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है, जो महिलाओं में एक तेजी से बढ़ता हुआ हार्मोनल विकार है। इसमें हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है, और इसके परिणामस्वरूप महिलाओँ के ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं। इससे महिलाओं में बांझपन, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह समस्या 14 से 45 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं में सबसे ज्यादा देखी जाती है।
PCOD के कारण क्या हैं?
PCOD के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण अभी तक डॉक्टरों के लिए पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। नीचे दिए गए कुछ कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से पीसीओडी हो सकता है:
- अनियमित पीरियड्स
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल
- आनुवांशिक कारण
- अचानक वजन बढ़ जाना
- सूजन आ जाना
- इंसुलिन रेजिस्टेंस
- महिलाओं में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाना
PCOD के लक्षण क्या हैं?
PCOD के लक्षण हर इंसान में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- मुहासे (एक्ने) आना
- महिलाओं में बांझपन
- वजन का बढ़ना
- अनियमित पीरियड्स आना
- पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव
- चेहरे पर तेजी से बाल उगना
- सिरदर्द और नींद की कमी
- गर्भधारण में समस्या
PCOD कितने दिनों में ठीक होता है?
PCOD को ठीक करने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने होंगे। नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, योगा करना आदि करने से पीसीओडी की समस्या जल्दी ठीक हो सकती है। पीसीओडी होते ही डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना आवश्यक है।
PCOD की जांच कैसे करें?
PCOD की जांच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:
- बॉडी टेस्ट - इससे बीएमआई, कमर का साइज आदि चेक किया जाता है।
- पेल्विक टेस्ट - ओवरी में सिस्ट होने की पुष्टि की जाती है।
- ब्लड टेस्ट - एंड्रोजन का स्तर बढ़ने या घटने की जानकारी मिलती है।
- सोनोग्राफी - वेजाइनल अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय की स्थिति और सिस्ट के बारे में जानकारी मिलती है।
PCOD का इलाज क्या है?
PCOD का इलाज करने के लिए सर्जरी का विकल्प हो सकता है, लेकिन योगा और व्यायाम के माध्यम से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ खानपान पर ध्यान देने से भी मदद मिल सकती है:
- डाइट में ज्यादा सब्जियाँ, प्रोटीन, फल और हरी सब्जियाँ शामिल करें।
- शुगर का स्तर नियंत्रित रखने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन कम करें।
- रोजाना योगा और प्राणायाम करें।
निष्कर्ष
आज हमने पीसीओडी (PCOD) के बारे में संपूर्ण जानकारी ली है, जैसे इसके कारण, लक्षण और इलाज। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया कमेंट करें।
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